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LIC NACH और e-NACH क्या है? रजिस्ट्रेशन, फायदे, चार्जेस और FAQs (2025 Guide)

आज के डिजिटल युग में अधिकतर लोग अपने जीवन बीमा प्रीमियम को समय पर और सुविधाजनक तरीके से भरना चाहते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए LIC (Life Insurance Corporation of India) ने NACH और e-NACH जैसे साधनों को अपनाया है जिससे ग्राहक आसानी से ऑटो डेबिट सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि NACH और e-NACH क्या होते हैं, कैसे इनका रजिस्ट्रेशन किया जाता है, इसके फायदे क्या हैं, और यदि NACH बाउंस हो जाए तो क्या चार्जेस लगते हैं।

NACH क्या है?

NACH का पूरा नाम है National Automated Clearing House। यह एक ऐसी सुविधा है जिसे भारत की एक संस्था NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) ने बनाया है। इसका काम है बार-बार होने वाले पैसों के लेन-देन को आसान बनाना। मतलब अगर आपको हर महीने, हर तीन महीने या हर साल किसी को पैसे देने होते हैं, तो यह सिस्टम अपने आप आपके बैंक खाते से पैसे काट देता है – जैसे बीमा प्रीमियम, लोन की EMI आदि।

जब आप NACH के लिए रजिस्ट्रेशन करते हैं, तो आप LIC या किसी कंपनी को यह अनुमति देते हैं कि वे आपके बैंक खाते से तय समय पर पैसे ले सकें। इसके लिए आपको एक फॉर्म भरना होता है जिसे मैंडेट कहा जाता है। एक बार यह सेट हो गया, तो हर बार आपको खुद से भुगतान करने की जरूरत नहीं होती – पैसे अपने आप कट जाते हैं। इससे आपकी पेमेंट समय पर हो जाती है और भूलने की टेंशन नहीं रहती।

NACH सिर्फ बीमा के लिए ही नहीं, बल्कि और भी कई कामों में आता है। जैसे – बैंक लोन की EMI भरना, सरकार से मिलने वाली सब्सिडी लेना, बुजुर्गों को मिलने वाली पेंशन, स्कूल की फीस भरना या म्यूचुअल फंड में पैसे लगाना। बड़ी कंपनियां और सरकारें NACH से लाखों लोगों को एक साथ पैसे भेज सकती हैं या उनसे ले सकती हैं – वो भी जल्दी, सुरक्षित और बिना गलती के।

e-NACH क्या होता है?

e-NACH एक डिजिटल सुविधा है जो NACH का ही आधुनिक रूप है। इसका मतलब है कि अब आपको बैंक या LIC ऑफिस जाकर फॉर्म भरने की जरूरत नहीं होती। सब कुछ ऑनलाइन होता है – बिना किसी कागज के। e-NACH से आप अपने बैंक खाते को सीधे LIC या किसी और संस्था से लिंक कर सकते हैं ताकि पेमेंट अपने आप तय तारीख पर हो जाए।

जब आप e-NACH के ज़रिए रजिस्ट्रेशन करते हैं, तो आपको सिर्फ कुछ स्टेप ऑनलाइन फॉलो करने होते हैं। LIC की वेबसाइट या ऐप पर जाकर आप अपनी पॉलिसी डिटेल्स डालते हैं, फिर बैंक चुनते हैं और नेट बैंकिंग या डेबिट कार्ड से एक बार वेरिफिकेशन करते हैं। इसके बाद आपका अकाउंट उस संस्था से लिंक हो जाता है, और हर बार प्रीमियम की राशि खुद-ब-खुद कट जाती है।

e-NACH की सबसे बड़ी खासियत है कि यह तेज़, सुरक्षित और पेपरलेस है। आपको बार-बार फॉर्म भरने या बैंक जाने की जरूरत नहीं होती। इससे समय और मेहनत दोनों की बचत होती है। साथ ही, पेमेंट समय पर हो जाने से पॉलिसी लैप्स होने का खतरा भी नहीं रहता। ये सुविधा आज के समय में बहुत आसान और भरोसेमंद तरीका बन चुकी है भुगतान करने का।

LIC NACH Registration कैसे करें? (ऑफलाइन प्रक्रिया)

अगर आप LIC प्रीमियम का भुगतान अपने बैंक खाते से ऑटोमैटिक कटवाना चाहते हैं, लेकिन ऑनलाइन प्रक्रिया से सहज नहीं हैं, तो ऑफलाइन यानी फिजिकल प्रोसेस आपके लिए बेहतर विकल्प है। इसमें आपको अपने नजदीकी LIC ऑफिस जाकर कुछ जरूरी डॉक्यूमेंट्स जमा करने होते हैं। नीचे इस प्रक्रिया को आसान भाषा में स्टेप-बाय-स्टेप समझाया गया है:

1. LIC शाखा में जाएं

सबसे पहले आप अपने घर के पास स्थित LIC ऑफिस या शाखा में जाएं। वहां पर ग्राहक सेवा अधिकारी या हेल्प डेस्क से बात करें और उन्हें बताएं कि आप अपनी पॉलिसी के लिए NACH ऑटो डेबिट सुविधा शुरू करवाना चाहते हैं।

2. NACH फॉर्म प्राप्त करें

LIC शाखा से आपको एक NACH Mandate Form मिलेगा। यह फॉर्म NACH सुविधा शुरू करवाने के लिए बहुत जरूरी होता है। कुछ एजेंट्स या LIC वेबसाइट से भी यह फॉर्म प्रिंट किया जा सकता है, लेकिन शाखा से लेना अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक रहता है।

3. फॉर्म को ध्यान से भरें

अब इस फॉर्म में आपको अपनी बुनियादी जानकारी भरनी होती है जैसे:

आपका पूरा नाम (पॉलिसी में दर्ज नाम के अनुसार), पॉलिसी नंबर, बैंक का नाम, बैंक खाता संख्या, बैंक का IFSC कोड, कितनी राशि और कितनी बार (महीने, तिमाही आदि) कटेगी, इस फॉर्म को साफ और स्पष्ट लिखावट में भरना जरूरी है ताकि बाद में कोई गलती न हो।

4. कैंसिल चेक लगाएं

आपको अपने उस बैंक अकाउंट का एक Cancelled Cheque (कैंसिल चेक) इस फॉर्म के साथ लगाना होता है जिससे पैसा कटेगा। यह इसलिए जरूरी है ताकि LIC और बैंक आपके अकाउंट की डिटेल्स को वेरिफाई कर सकें।

5. हस्ताक्षर करें और फॉर्म जमा करें

अब फॉर्म को भरने के बाद, जहां-जहां सिग्नेचर मांगा गया है वहां अपने दस्तखत (हस्ताक्षर) करें। ध्यान दें कि हस्ताक्षर बैंक रिकॉर्ड के अनुसार होने चाहिए, वरना फॉर्म रिजेक्ट हो सकता है। इसके बाद फॉर्म और चेक LIC शाखा में जमा कर दें।

6. प्रोसेसिंग और वेरिफिकेशन का समय

फॉर्म जमा करने के बाद LIC और आपका बैंक मिलकर सभी जानकारी की जांच करते हैं। यह प्रक्रिया 7 से 15 कार्यदिवस तक का समय ले सकती है। एक बार जब सबकुछ वेरिफाई हो जाता है, तब आपका NACH एक्टिवेट हो जाता है और अगली किस्त से आपके बैंक अकाउंट से प्रीमियम अपने आप कटने लगता है।

महत्वपूर्ण सलाह:

  1. फॉर्म भरते समय कोई भी कॉलम खाली न छोड़ें।
  2. फॉर्म की एक कॉपी अपने पास भी रखें।
  3. बैंक खाते में हमेशा पर्याप्त बैलेंस रखें ताकि कटौती में कोई दिक्कत न हो।
  4. यदि किसी महीने कटौती नहीं होती, तो पॉलिसी लैप्स हो सकती है, इसलिए अलर्ट रहें।

LIC e-NACH Registration कैसे करें? (ऑनलाइन प्रक्रिया)

अगर आप चाहते हैं कि हर बार प्रीमियम भरने की झंझट से छुटकारा मिले और पैसे अपने आप कट जाएं, तो e-NACH एक बेहतरीन सुविधा है। खास बात ये है कि आप यह रजिस्ट्रेशन घर बैठे मोबाइल या कंप्यूटर से कर सकते हैं, वो भी पूरी तरह पेपरलेस और सुरक्षित तरीके से।

यहां जानिए इसका आसान स्टेप-बाय-स्टेप तरीका:

स्टेप 1: LIC की वेबसाइट पर जाएं
सबसे पहले अपने मोबाइल या कंप्यूटर के ब्राउज़र में https://licindia.in टाइप करें और LIC की आधिकारिक वेबसाइट खोलें।

स्टेप 2: “Pay Premium Online” सेक्शन चुनें
वेबसाइट के होमपेज पर आपको "Pay Premium Online" का ऑप्शन मिलेगा। उस पर क्लिक करें। यहां आपको प्रीमियम से जुड़ी कई सेवाएं मिलेंगी।

स्टेप 3: “Enroll for e-NACH” विकल्प पर क्लिक करें
“Pay Premium Online” सेक्शन में जाकर “Enroll for e-NACH” या “Online Mandate Registration” जैसे विकल्प पर क्लिक करें। यह वही ऑप्शन है जिससे आप अपना बैंक अकाउंट LIC से लिंक कर सकते हैं।

स्टेप 4: अपनी पॉलिसी की जानकारी भरें
अब आपको अपनी LIC पॉलिसी से जुड़ी डिटेल्स भरनी होती हैं, जैसे: पॉलिसी नंबर, जन्मतिथि, मोबाइल नंबर, ईमेल (अगर मांगा जाए) ये जानकारी भरकर आगे बढ़ें।

स्टेप 5: बैंक चुनें और ऑथेंटिकेशन करें
इसके बाद आपको अपने बैंक का चयन करना होगा, जिससे प्रीमियम कटेगा। फिर उस बैंक की सुविधा के अनुसार आप:
  • Net Banking या
  • Debit Card
से एक बार वेरिफिकेशन करते हैं। यह स्टेप जरूरी है ताकि LIC यह पक्का कर सके कि यह खाता आपका ही है और आपकी अनुमति से लिंक हो रहा है।

स्टेप 6: e-NACH एक्टिवेशन
एक बार जब ऑथेंटिकेशन सफल हो जाता है, तो आपका e-NACH कुछ ही मिनटों में एक्टिवेट हो जाता है। अब अगली बार जब भी प्रीमियम देना होगा, तो आपके बैंक अकाउंट से अपने आप पैसे कट जाएंगे। आपको बार-बार मैनुअली भुगतान करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

NACH Registration के फायदे

अगर आप NACH के ज़रिए LIC प्रीमियम का भुगतान करते हैं, तो यह प्रक्रिया न सिर्फ सुविधाजनक है, बल्कि समय और मेहनत दोनों की बचत करती है। इससे प्रीमियम समय पर कटता है और पॉलिसी सुरक्षित बनी रहती है। नीचे NACH रजिस्ट्रेशन के कुछ प्रमुख लाभ दिए गए हैं:

मुख्य फायदे (Points में):

1. समय पर भुगतान: NACH से प्रीमियम तय तारीख पर अपने आप कटता है, जिससे पॉलिसी लैप्स होने का खतरा नहीं रहता।

2. लेट फी और पेनल्टी से बचाव: समय पर कटौती होने के कारण आपको लेट फीस या जुर्माना नहीं देना पड़ता।

3. झंझट से मुक्ति: बार-बार LIC ऑफिस या ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर भुगतान करने की जरूरत नहीं पड़ती।

4. सुरक्षित और भरोसेमंद: यह प्रक्रिया पूरी तरह बैंक और LIC के बीच होती है, जिससे भुगतान में कोई धोखा या गलती नहीं होती।

5. पेपरलेस और पर्यावरण के अनुकूल: न तो फॉर्म भरने की जरूरत होती है और न ही रसीद छपवाने की – सब कुछ डिजिटल होता है, जिससे कागज़ की बचत होती है।

NACH Charges और NACH Bounce Charges

जब आप NACH के ज़रिए LIC प्रीमियम भुगतान की सुविधा लेते हैं, तो आमतौर पर इसके लिए LIC की ओर से कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाता। लेकिन कभी-कभी आपके बैंक द्वारा छोटा सा चार्ज लगाया जा सकता है, खासकर जब यह प्रक्रिया शुरू की जाती है या किसी तकनीकी वजह से फेल हो जाती है। यह चार्ज बैंक की पॉलिसी पर निर्भर करता है।

लेकिन अगर आपके बैंक अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस नहीं होता और प्रीमियम कटने की कोशिश असफल हो जाती है, तो इसे NACH Bounce कहा जाता है। ऐसे मामलों में बैंक NACH Bounce Charges वसूल सकते हैं, जो आमतौर पर ₹200 से ₹500 के बीच हो सकते हैं। यह ठीक वैसा ही होता है जैसे चेक बाउंस होने पर शुल्क लगता है।

मुख्य बातें (Points में):

1. NACH Setup Charges: सामान्यतः LIC कोई चार्ज नहीं लेता, लेकिन बैंक अपने अनुसार मामूली शुल्क ले सकता है।

2. NACH Bounce Charges: अगर आपके खाते में पैसे नहीं हैं और ऑटो डेबिट फेल हो जाता है, तो बैंक ₹200-₹500 तक बाउंस चार्ज लगा सकता है।

3.  समाधान: बैंक अकाउंट में हमेशा पर्याप्त बैलेंस रखें ताकि NACH फेल न हो और कोई अतिरिक्त चार्ज न लगे।

4. बार-बार बाउंस होने पर: LIC आपकी पॉलिसी का NACH Mandate रद्द कर सकती है और आपको मैनुअल भुगतान करना पड़ सकता है।

Suraj Barai

Suraj Barai is a content creator, insurance consultant, Udemy instructor, and the founder of this website. He is an IRDA-approved insurance advisor with LIC of India, helping clients make informed financial decisions. With a passion for sharing knowledge, Suraj dedicates his free time to creating engaging and informative videos for his YouTube channel, inspiring and educating his audience. facebook instagram twitter youtube telegram

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