LIC Death Claim in Hindi, जानें क्लेम का तरीका और पूरी प्रोसेस

LIC Death Claim in Hindi – यदि आप एलआईसी पालिसी डेथ क्लेम के बारे में पूरी जानकारी लेना चाहते है तो यह लेख आपके लिए है. LIC Death Insurance Claim से सम्बंधित जैसे कितना Amount मिलेगा, LIC Death Claim Time Limit क्या है, LIC Policy Death Claim कैसे करते है इस बारे Full Details यहाँ से ले. आपको बता दे की एलआईसी पालिसी से समबन्धित यह जानकारी आप PolicyCave.com पर पढ़ रहे है. आइये इस लेख में आगे बढ़ते है.

एलआईसी इन्सुरांस पालिसी की बीमा कवरेज से हमे जीवन बीमा की प्रोटेक्शन मिलता है. जीवन बीमा पालिसी इसलिये खरीदा जाता है की यदि भगवान् ना करे हमारे साथ कुछ अनहोनी हो या पालिसी होल्डर को मृत्यु की प्राप्ति हो तो उनके परिवार को इन्सुरांस का पैसा मुवावजा के तौर पर मिले. इन्सुरांस का पैसा से हमारे ना रहने पर हमारे परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक रह सकता है. जीवन बीमा पालिसी हर एक व्यक्ति के लिए अनिवार्य है. यदि आप जानना चाहते है की जीवन बीमा क्यों लेनी चाहिए तो आप हमारी पिछ्ला लेख पढ़ सकते है.

LIC Policy में जितने साम एस्योर्ड लिया जाता है उतना का बीमा कवरेज होती है. वही यदि बीमाकृत व्यक्ति की किसी कारण वजह से मृत्यु की प्राप्ति होती है, तो बीमा पालिसी में दिए गए नॉमिनी को Death Claim करना होता है. बीमा पालिसी में डेथ क्लेम करने पर इन्सुरांस पालिसी में जो भी मृत्यु लाभ होती है वह बीमा कंपनी के द्वारा नॉमिनी को दे दिया जाता है. ख़ास बात यह है की जीवन बीमा पालिसी लैप्स नहीं होनी चाहिए वरना इन्सुरांस का पैसा नहीं मिलेगा.

यदि एलआईसी पालिसी लैप्स है और आपने प्रीमियम भुगतान करना बंद कर दिया है. इसके बाद यदि बीमाकृत व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो नॉमिनी को मृत्यु लाभ नहीं मिलता है क्युकी बीमा पालिसी चालू नहीं थी. वही ऐसे पालिसी में सिर्फ paid up value मृत्यु लाभ के तौर पर मिलता है. इस बारे में आपको पूरी जानकारी इस लेख में मिल जाएगा की यदि पालिसी लैप्स है और पालिसी होल्डर का डेथ होता है तो कौन कौन सा लाभ मिलेगा.

LIC Death Claim क्या है

LIC Death Claim in Hindi एक प्रोसेस है जिसे फॉलो करते हुए बीमा पालिसी की नॉमिनी LIC Death Benefit का पैसा Insurance Company से निकालता है. एलआईसी पालिसी में डेथ क्लेम तब किया जाता है जब पालिसी होल्डर या जिसके नाम पर इन्सुरांस पालिसी है वह इस दुनिया से विदा ले लेता है. पालिसी होल्डर के मृत्यु के बाद नॉमिनी डेथ क्लेम करता है. एलआईसी डेथ क्लेम एक जरुरी प्रोसेस है जिसे करने के बाद ही इन्सुरांस का पैसा मिलता है. वही इन्सुरांस डेथ क्लेम में बहुत सारे फ्रौड्स होता है इसलिए ऐसे कई डेथ क्लेम रिजेक्ट भी हो जाता है.

LIC Insurance Death Claim in Hindi
LIC Insurance Death Claim in Hindi

LIC Death Insurance Claim करने के कई सारे Rules और Conditions भी है जिसके तहत नॉमिनी को Claim करना होता है. वहीँ Death Benefit लेने के लिए Claim करते वक़्त सावधानी वर्तनी होती है. वरना एक छोटा सा गलती के वजह से बीमा कंपनी आपके डेथ क्लेम को रिजेक्ट कर सकता है. वही यदि LIC Death Claim Process के बारे में सही जानकारी ना हो तो कई सारे परेशानीयों का भी सामना करना पड़ता है.

LIC Death Claim करना हर किसी का बस का बात नहीं है. यदि सही ज्ञान ना हो और डेथ क्लेम की प्रोसेस के बारे में अच्छी जानकारी ना हो तो नॉमिनी की चप्पल घिस जाएगा लेकिन डेथ क्लेम सेट्टेल नहीं होगा. वही एलआईसी एजेंट या एलआईसी कर्मचारी यदि सहायता करता है तो यह डेथ क्लेम जैसे पानी का जैसा निकल जाता है. कुछ ही दिनों में ये डेथ क्लेम सेट्टेल हो जाता है. लेकिन एलआईसी डेथ क्लेम केस सही होनी चाहिए.

LIC Death Claim होने से क्या करे

जैसे की आपको पता चल गया होगी की एलआईसी डेथ क्लेम कब किया जाता है. जब बीमाकृत व्यक्ति की मृत्यु होती है तो नॉमिनी बीमा कंपनी में या एलआईसी ऑफिस में डेथ क्लेम करता है इन्सुरांस का पैसा के लिए या बीमा मृत्यु लाभ की प्राप्त करने के लिए. वही यदि डेथ क्लेम हो जाए या पालिसी होल्डर का मृत्यु हो जाती है तो आपको सबसे पहले क्या करना होगा आइये इस बारे में जानते है.

यदि आपका बीमा पालिसी एक डेथ क्लेम है तो आपको निचे बताये गए बातो को फॉलो करना है. इसके बाद आप डेथ क्लेम की प्रोसेस में आगे बढ़ सकते है. आइये जानते है की डेथ क्लेम होने आपको पहले क्या क्या करना पडेगा.

1. सबसे पहले जिसके नाम पर पालिसी है वह व्यक्ति तो अब मर चुका है. तो ऐसे में आपको मृत शारीर, चिता आदि की फोटो कॉपी रख लेना है जिससे क्लेम करते वक़्त आप सबुद के तौर पर दिखा सकते है.

2. अब जल्द से जल्द पालिसी होल्डर की Death Certificate के लिए अप्लाई करे. जितना जल्दी हो सके डेथ सर्टिफिकेट निकाले और उसका 2-3 ज़ेरॉक्स कॉपी करके रखे.

3. अब आपको एलआईसी पालिसी की ओरिजिनल पालिसी बांड को ढूडना है. जितना भी बीमा पालिसी है उन सभी की पालिसी बांड निकाले और एक फाइल में सुरक्षित जगह पर रखे.

3. पालिसी में जो व्यक्ति नॉमिनी है उसका आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक पासबुक ये सब ओरिजिनल और ज़ेरॉक्स कॉपी चाहिए. पालिसी में नॉमिनी कौन कौन है यह जानने के लिए पालिसी बांड में चेक कर सकते है.

4. पालिसी होल्डर की मृत्यु होने के 3 महीने के अन्दर डेथ क्लेम करना है. इसके लिए 3 महीने के अन्दर एलआईसी ऑफिस में एक एप्लीकेशन देना है की यह पालिसी होल्डर का डेथ हो गया है और अब क्लेम करना चाहते है. यह एप्लीकेशन नॉमिनी के तरफ से एलआईसी ऑफिस में जमा करना है.

5. बीमाकृत व्यक्ति और नॉमिनी की सभी डाक्यूमेंट्स, पालिसी बांड और डेथ सर्टिफिकेट से एलआईसी ऑफिस में डेथ क्लेम करना है. एलआईसी डेथ क्लेम फॉर्म लेना है और जरुरी दस्तावेज के साथ जमा करना है.

LIC Death Claim Settle हो इसके लिए क्या करे

यदि आप चाहते है की LIC Death Claim करने में कोई परेशानी ना हो तो आप निचे बताये गए बाते फॉलो कर सकते है. जैसे की डेथ क्लेम ज्यादातर रिजेक्ट होने लगता है. क्युकी आज-कल ऐसे बहुत सारे लोग है जो इन्सुरांस कंपनी के साथ फ्रौड्स करना शुरू कर रहा है. वही यदि आप सही तरीके से डेथ क्लेम नहीं करते है तो आपका डेथ क्लेम भी रिजेक्ट हो सकता है.

LIC Death Claim जल्दी Settle हो इसके लिए आपको क्या करना है. वही ऐसी कौन सी बाते है जिसे आपको ध्यान रखना है जिससे भविष्य में आपके बीमा पालिसी में नॉमिनी डेथ क्लेम करे तो नॉमिनी को इन्सुरांस का पैसा जल्दी और आसानी से मिले. आइये इस लेख में जानते है.

1. सबसे पहले आपका बीमा पालिसी चालू होनी चाहिए. यदि एलआईसी पालिसी में प्रीमियम भुगतान करना बंद कर दिया है तो जल्दी से फिर से प्रीमियम भुगतान करे वरना मृत्यु होने पर नॉमिनी को डेथ क्लेम करने पर इन्सुरांस का पैसा नहीं मिलगा. दरअसल जब कोई बीमा पालिसी में प्रीमियम जमा करना बंद कर देता है तो इन्सुरांस पालिसी लैप्स हो जाता है. वही लैप्स पालिसी में किसी भी तरह की बीमा कवरेज नहीं होती है.

2. Early Death Claim से बचे. हाँ… यदि 3 साल से पहले किसी बीमाकृत व्यक्ति की मृत्यु होती है और नॉमिनी डेथ क्लेम करता है तो यह एक Early Death Claim है. दरअसल early death claim जल्दी सेट्टेल नहीं होता है. क्युकी इसमें बीमा कंपनी के साथ धखाधड़ी होती है इसलिए ऐसे Case में जल्दी Claim का पैसा नहीं मिलता है. वही यदि Death Claim सही है, ओरिजिनल Case है तो Claim मिल जाता है.

2. पालिसी होल्डर के मृत्यु होने के बाद आप 3 महीने के अन्दर क्लेम करे वरना आपका क्लेम सेटल होने में काफी परेशानी हो सकता है. एलआईसी का यह कहना है की यदि किसी पालिसी होल्डर या बीमाकृत व्यक्ति की मृत्यु होती है तो नॉमिनी को जल्द से जल्द क्लेम करना चाहिए जिससे नॉमिनी को इन्सुरांस का पैसा जल्दी मिल सके.

LIC Death Claim Types – एलआईसी मृत्यु दावा प्रकार

LIC Policy Death Claim दो तरह की होती है. पहला है Early Death Claim और दुसरा है Non-Early Death Claim. इसके लिए आपको एलआईसी ऑफिस में चेक करना पडेगा की कौन सी Death Claim है. आइये थोड़ा डिटेल में जानते है की यह Early Death Claim और Non-Early Death Claim क्या है.

LIC Death Claim Types:

  1. प्रारंभिक मृत्यु दावा (Early Death Claim)
  2. गैर-प्रारंभिक मृत्यु दावा (Non-Early Death Claim)

इसमें आपको यह अच्छी तरह समझ लेना है की एलआईसी की पालिसी में रिवाइवल नहीं लागाना है. इसके अलेवा आपको प्रीमियम समय पर भुगतान करते रहना है.

Early Death Claim क्या है?

प्रारंभिक मृत्यु दावा – Early Death Claim in LIC in Hindi उस claim को कहा जाता है जो पालिसी के 3 साल पूरा होने से पहले बीमाकृत व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है. इसका मतलब है की Date of Commencement के बाद से 3 साल के अन्दर यदि बीमाकृत व्यक्ति की किसी कारण वजह से मृत्यु होती है तो यह एक Early Death Claim in LIC है.

वही यदि LIC Policy में Revival किया गया है और उसके बाद से 3 साल के अन्दर यदि Death Claim हो तो यह भी एक Early Death Claim कहा जाता है. क्युकी LIC Policy Revival करने से यह एक New Insurance Policy में गिनती होती है. वही Policy Revival Date के बाद से 3 साल के अन्दर अगर बीमाकृत की मृत्यु हो तो यह Early Death Claim है.

Non-Early Death Claim क्या है?

गैर-प्रारंभिक मृत्यु दावा – Non-Early Death Claim in LIC उस Death Claim को कहा जाता है जिसमे बीमाकृत व्यक्ति की मृत्यु 3 साल के बाद होती है. वही Policy Revival होने से भी Policy Revival Date के 3 साल बाद Death हुआ है इसलिए ऐसे Death Claim को Non-Early Death Claim कहा जाता है.

यदि आसान बातो में समझे तो, यदि पालिसी होल्डर की मृत्यु DOC के और Revival Date के 5 साल बाद, 8 साल बाद या 10 साल बाद होती है तो यह एक Non-Early Death Claim कहा जाएगा. वही Non-Early Death Claim (गैर-प्रारंभिक मृत्यु दावा) को Settle होने में कोई परेशानी भी नहीं होती है.

LIC Death Claim Documents

LIC Death Claim Documents – जैसे ही LIC Policy में Death Claim होती है या फिर आप में से किसी अपनों की मृत्यु होती है और उनका एलआईसी पालिसी है तो नॉमिनी को डेथ क्लेम करना होगा. इसके लिए कुछ जरुरी दस्तावेज़ की आवश्यकता होती है. यदि आप नहीं जानते है तो आपको पूरी जानकारी यहाँ पर मिल जाएगा की LIC Death Claim करने के लिए कौन कौन सी Documents की जरुरत पडेगा.

वैसे इस आर्टिकल की शुरूवात में ही हमने बात की है की पालिसी होल्डर की मृत्यु होते ही जल्द से जल्द मृत्यु प्रमाणपत्र (Death Certificate) को निकालने की कोशिश करे. क्युकी बिना Death Certificate के एलआईसी मृत्यु दावा नहीं होगा. वही मृत्यु प्रमाण पत्र के अन्य कई दस्तावेज़ की आवश्यकता होगी जिसके बारे में आप निचे पढ़ सकते है.

Policy Holder Documents LIC Death Claim करने के लिए –

  • पालिसी बांड (Policy Bond)
  • आधार कार्ड (Aadhar Card)
  • पैन कार्ड (PAN Card)
  • अंतिम प्रीमियम भुगतान रसीद (Last Payment Premium Receipt)
  • मृत्यु प्रमाण पत्र (Death Certificate)

Nominee Documents LIC Death Claim करने के लिए –

  • बैंक खाता (Bank Passbook)
  • आधार कार्ड (Aadhar Card)
  • पैन कार्ड (PAN Card)
  • मृत्यु दावा फॉर्म (Death Claim Form)
  • नेफ्ट फॉर्म (NEFT Form)
  • डेथ इंश्योरेंस क्लेम फॉर्म पर इंश्योरेंस एजेंट या डेवलपमेंट ऑफिसर का साइन

इन Documents के मदद से आप LIC Death Claim करके एलआईसी से LIC Death Benefit ले सकते है. वही यदि नाम में कुछ गलत हो या Spelling में Mistake है तो आपको अलग से एक कोर्ट एफिडेविट देना पड़ सकता है. इसके अलेवा यदि कुछ दस्तावेज़ या फॉर्म की जरुरत होगी तो एलआईसी क्लेम डिपार्टमेंट से आपको बता दिया जाएगा.

LIC Death Insurance Claim कैसे करे

LIC Death Insurance Claim कैसे करे – यदि आप खुद से LIC Policy Death Claim करना चाहते है तो आप निम्न बताये गए स्टेप्स को फॉलो कर सकते है. LIC Insurance Claim File करने के लिए आपके पास ऊपर के बताये गए दस्तावेज होनी आवश्यक है. तो आइये आगे बढ़ते है और LIC Death Insurance Claim Process क्या है इसे जानते है.

LIC Death Insurance Claim Process:

  1. एलआईसी इंश्योरेंस पॉलिसी का डेथ क्लेम फाइल (Insurance Death Claim in Hindi) करने के लिए आप सबसे पहले पॉलिसीहोल्डर के होम ब्रांच या सर्विसिंग ब्रांच (LIC Servicing Branch) में जाएं.
  2. LIC Office या दावा विभाग (LIC Claim Department) में अपने रिश्तेदार की मृत्यु की जानकारी दें और फॉर्म 3783, 3801 और NEFT Form Fill up करें. इसके बाद ऊपर बताए गए सभी डॉक्यूमेंट्स जमा करें.
  3. इसके साथ ही एक इंटिमेशन लेटर (Intimation Letter) जमा करें. इसमें पॉलिसी होल्डर की डेथ संबंधी सारी जानकारी दर्ज होगी. Death कैसे हुआ, कब हुआ, कितना बजे हुआ और कहाँ हुआ इन सब के बारे में लिखना है.
  4. इसके साथ ही NEFT फॉर्म में बैंक पासबुक की फोटोकॉपी या कैंसल्ड चेक भी जमा करें. नॉमिनी की हस्ताक्षर और विटनेस (Witness) देने के बाद एलआईसी दावा विभाग में जमा करे.
  5. इसके बाद सारी डॉक्यूमेंट्स का वेरिफिकेशन होगा. फिर आपको एक्नॉलेजमेंट स्लिप मिलेगा जिसे संभालकर रखें.
  6. एलआईसी दावा विभाग में यह Confirm करे की सभी दस्तावेज़, फॉर्म और हस्ताक्षर सही है की नहीं. इसके बाद 10 से 15 दिन में पैसे आपके खाते में आ जाएंगे.

इस तरह से आप बड़े ही आसानी से LIC Death Insurance Claim कर सकते है.

LIC Death Claim Amount कैसे चेक करे

यदि आप LIC Policy Death Claim Amount जानना चाहते है तो आपको बता दे की यह मृत्यु लाभ की राशि एक मात्र एलआईसी पालिसी कितना Sum Assured की है और पालिसी किस कंडीशन में है उसके ऊपर है. यदि आप Insurance Death Claim Amount के बारे में पूरी जानकारी लेना चाहते है तो आप LIC Office में Claim Department में चेक करवा सकते है.

इसके अलेवा आप मोटामोटी एक हिसाब निकाल सकते है की एलआईसी पालिसी की मृत्यु लाभ में कितना पैसा मिलने वाला है. वैसे एलआईसी पालिसी की Death Benefit में Sum Assured और Bonus को Death Claim में देते है. एलआईसी पालिसी कितने साम एस्योर्ड की है इसके बारे में जानकारी लेने के लिए आप LIC Policy Bond में देखे सकते है.

लेकिन यह LIC Death Benefit सिर्फ चालु पालिसी में दिया जाता है. इसका मतलब है की Lapsed Policy में Death Benefit या Death Claim होने से नॉमिनी को सिर्फ Deposit किया गया Premium और Policy में जो भी Bonus जोड़ा गया है वही Death Benefit के तौर पर नॉमिनी की बैंक खाता में दे दिया जाता है.

आइये एक उदहारण से समझते है, जैसे मान लीजिये की आपका एक एलआईसी पालिसी है जिसका साम एस्योर्ड है 10 लाख रुपये और इसका प्रीमियम सलाहाना 50 हाजार रुपये है. अब आपने सिर्फ 2 साल ही प्रीमियम भुगतान की है और आपका मृत्यु होती है. ऐसे में नॉमिनी को मृत्यु लाभ में Sum Assured+Bonus मिलेगा.

जस वक़्त आपका मृत्यु हुआ था उस वक़्त पालिसी चालु था और इन्सुरांस पालिसी 10 लाख की है इसलिए नॉमिनी को 10 लाख+जो भी बोनस है = यह राशी मिल जायेगा. वही यदि Lapsed Policy है तो नॉमिनी को आपका 2 साल का प्रीमियम 50,000+2=1,00,000 और जो भी बोनस है वह मिलेगा. क्युकी पालिसी Lapsed होने से कोई भी बीमा कवरेज नहीं रहता है.

LIC Death Claim Time Limit क्या है

LIC Death Claim Time Limit – जानकारी के लिए आपको बता दे की बीमा कंपनी या IRDAI अपने पालिसी होल्डर्स या इन्सुरांस क्लेम करने के लिए 6 महीने की समय देती है. वही बीमाकृत (Life Assured) व्यक्ति की मृत्यु होने के बाद से 3 महीने की Insurance Claim Time Limit दिया जाता है Intimation Letter जमा करने के लिए. Intimation Letter से बीमा कंपनी को एक सुचना दिया जाता है की Life Assured की Death हो चुकी है और Death Claim करना है.

वही LIC Policy की प्रीमियम जमा करते हुए यदि Life Assured की मृत्यु होती है तो Nominee को 30 Days के अन्दर Death Claim कर देना चाहिए. जैसे की LIC Death Claim Time Limit के अन्दर मृत्यु लाभ की दावा करने से जल्द से जल्द क्लेम सेटल भी हो जाती है.

निष्कर्ष

मुझे उम्मीद है की LIC Death Claim in Hindi, इस पोस्ट में आपने LIC Insurance Claim in Hindi का तरीका और पूरी प्रोसेस के बारे में जानकारी प्राप्त हुई होगी. यदि एलआईसी पालिसी डेथ क्लेम के बारे में पूरी जानकारी उपयोगी लगे तो कृपया इसे सोशल मीडिया में शेयर कर दीजिये. इसके अलेवा एलआईसी पालिसी से सम्बंधित अन्य जानकारी के लिए आप PolicyCave में अन्य आर्टिकल पढ़े.

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